रायपुर – भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती लक्ष्मी वर्मा ने बुधवार को कुमारी सैलजा पर कई सवाल दागे। उन्होंने कहा कांग्रेस के नेता जनता के बीच जाते है तो 22 विधायको के टिकट क्यों काटे? यूँ तो कांग्रेस के तमाम नेता अपने-अपने सर्वे करा रहे थे जिनका लब्बोलुआब यह था कि कांग्रेस के 50 विधायकों की टिकट काटी जानी थी, लेकिन चूँकि शेष विधायक कांग्रेस की भूपेश सरकार के भ्रष्टाचार में हर कदम पर साथ खड़े थे, इसलिए वे अपनी टिकट बचाने में कामयाब रहे।
उन्होंने कहा कि कुमारी सैलजा इस सवाल का जवाब भी प्रदेश को दें कि उत्तरप्रदेश में ‘लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ’ का नारा उछालने वालीं कांग्रेस की महासचिव प्रियंका वाड्रा को यह पता है कि छत्तीसगढ़ में जिन 22 विधायकों की टिकट काटी गई है, उनमें 6 महिलाएँ हैं और उनमें भी 4 महिला विधायक ऐसी हैं जिन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में भारी अंतर के साथ जीत दर्ज की थी। इन महिलाओं की टिकट काटे जाने पर शैलजा कुछ क्यों नहीं कहतीं?
कांग्रेस की महिला विधायक छन्नी साहू, जिन पर कांग्रेस के शासनकाल में ही चाकू से हमला किया गया, उनकी टिकट क्या इसलिए काटी गई कि वह जनता के बीच में नहीं रहती थीं? झीरम घाटी के नरसंहार में शहीद कांग्रेस के ‘टाइगर’ कहे जाने वाले शहीद महेंद्र कर्मा की पत्नी देवती कर्मा और शहीद योगेंद्र शर्मा की पत्नी अनिता शर्मा की टिकट काटकर कांग्रेस ने अपने नेताओं को श्रद्धांजलि दी है या फिर वह भी जनता के बीच नहीं रहती थीं, इसलिए कांग्रेस ने उनकी टिकट काट दी?शहीदों के परिजनों को न्याय मिलता उल्टे, उन शहीदों की विधायक पत्नियों की टिकट ही काट दी।
उन्होंने कहा कि कुमारी सैलजा प्रदेश को बताएँ कि महिला विधायकों शकुंतला साहू, लक्ष्मी ध्रुव और ममता चंद्राकर के टिकट भी क्या इसीलिए काटे गए कि जनता के बीच उनकी मौजूदगी नहीं थी? आखिर 22 विधायकों की टिकट क्यों काटे गए?