एशियाई पड़ोसियों के साथ बढ़ते व्यापार और अरबों डॉलर की अंतरराष्ट्रीय सहायता की बदौलत बीती तिमाही में अफ़ग़ानिस्तान की मुद्रा अफ़ग़ानी ब्लूमबर्ग की ग्लोबल रैंकिंग में अव्वल रही है.
ग़रीबी और भुखमरी से जूझते एक मुल्क में ऐसा होना किसी अचंभे से कम नहीं है.
15 अगस्त 2021 को तालिबान के लड़ाके लगभग बिना किसी विरोध के काबुल में दाख़िल हुए और पश्चिम देशों के समर्थन वाली अशरफ़ ग़नी की सरकार को सत्ता से हटा दिया था. तत्कालीन राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी को देश छोड़कर भागना पड़ा था.
अमेरिका और पश्चिमी देश अफ़ग़ानिस्तान ने निकलने की जल्दी में थे. काबुल एयरपोर्ट पर मेला लगा हुआ था. हज़ारों अफ़ग़ान देश छोड़ कर जाने के फ़िराक़ में एयरपोर्ट पर थे.
सारे देश में अफ़रातफ़री का माहौल था लेकिन काबुल एयरपोर्ट पर तो बिल्कुल अराजकता थी.